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लेखनी प्रतियोगिता -10-Jul-2022अधूरा श्रंगार

                   आज करवा चौथ थी । नलिनी देखरही थी कि सभी औरते श्ंगार कर रही है और उनको चांद का दीदार करने की जल्दी है। नलिनी को भी पिछली करवा चौथ की याद ताजा होगयी जब वह  श्रंगार करके छत पर जा रही थी।


      उसी समय उसकी छोटी ननद आगयी और कहने लगी।


               "भाभी आज तुमने जो श्रंगार किया है उसमें तुम बहुत ही सुन्दर दिख रही हो। तुमने अपने माथे पर जो बिन्दिया लगाई है वह तुम्हारे सौन्दर्य में चार चांद लगा रही है। कसम से भाभी आज यहाँ भैया होते तो   आप उन पर बिजली गिरा देती। ", पीहू अपनी भाभी का श्रंगार देखकर बोली।

                 "मेरी छुटकी अभी तेरी शादी नहीं हुई है। तू यह सब क्या समझे कि औरत कितना भी श्रंगार करले   वह कुछ भी लगाले कुछ भी पहनले लेकिन औरत का श्रंगार पति के बिना अधूरा ही रहता है।", उसकी भाभी ने उसके गाल पर  चिकोटी भरते हुए कहा।

              आज करवा चौथ का दिन था। और यह दिन हर सुहागिन के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। ़वह आज के दिन सोलह श्रंगार करके अपने पति के  व चांद का दीदार करती है।

            नलिनी भी आज सोलह श्रंगार करके चांद के दर्शन करने जारही थी उसका चांद तो  देश की सीमा पर सभी की रक्षा में तैनात था। उसको अपने पति के बिना अपना श्रंगार अधूरा ही महसूस हो रहा था। 

             नलिनी की यह पहली करवा चौथ थी। उसने अपने पति से वीडियो काल करके बात करने के लिए फौन लगाया  । परन्तु देव ने बहुत देर तक फौन अटैन्ड नही किया जिससे नलनी के दिल की धड़कन बढ़ गयी क्यौकि फौजी की पत्नी को सीमा पर खडे़ पति की हमेशा ही चिन्ता रहती है।

      नलिनी चांद के साथ अपने चांद को देखकर ही अपना ब्रत खोलना चाहती थी। परन्तु कुछ समय बाद देव की बैक काल आई और सामने अपने देव को देखकर नलिनी की सांस बापिस लौटी। क्यौकि यह दर्द फौजी की बीबी अथवा उसकी मां ही जानती है कि यदि वह फौन नही उठा पाता तो दूसरी तरफ  से फौन करने वाले की क्या दशा होती है

            उसके दिल में कौनसी पीडा़ होती है। और वह उसी समय ईश्वर से अपनी पति अथवा बेटे के लिए सुरक्षा की भीख मांगने लग जाती है।

          नलिनी देव को सामने फौन मे  देखकर बोली," देव मुझे तो  आशा ही नही पूरा विश्वास था कि तुम आज पहली करवा चौथ पर मेरे साथ रहकर मेरा अधूरा श्रंगार पूरा करोगे। परन्तु

      देव बीच मे ही बोला,"  नलिनी तुम्हारे लिए तो हम सब बन्धन तोड़कर हाजिर हो सकते है तुम एक बार सच्चे दिल से पुकारकर तो देखा होता। कोई बात नही नलिनी अगली करवा चौथ फर मै अवश्य आऊँगा  मै तुम्हारे अधूरे श्रंगार को पूरा करूँगा अभी तो मुझे माँफ करना  ऐसा देव ने पिछली बार बायदा किया था।

           परन्तु  दो महीने बाद ही वह शहीद होगया और उसका पार्थिव शरीर ही बापिस आया।

       नलिनी देव के फोटो के सामने खडी़ होगयी । आज उसने कोई श्रंगार नही किया था क्यौकि उसका श्रंगार पूरा करनेवाला ही नही था। परन्तु नलिनी को ऐसा लग रहा था कि जैसे देव कह रहा है ," नलिनी मै तो तेरे पास हूँ   मुझे तुम्हारा बायदा याद है मैं जल्दी आऊँगा।
 परन्तु नलिनी उसके फोटो के सामने खडी़ होकर रोने लगी।



दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना

नरेश शर्मा  " पचौरी "

10/07/2022

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10 Comments

Kusam Sharma

12-Jul-2022 09:41 AM

Nice story

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Seema Priyadarshini sahay

11-Jul-2022 04:18 PM

बहुत खूब

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Chudhary

11-Jul-2022 12:03 PM

Nice

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